हिंदी कविता “पुराने घर की महक”
हम सभी कभी न कभी अपने घर को याद करते है। घर से जुडी सभी यादें, खेल, मौज मस्ती व अन्य चीजे हमारे दिल को छू लेती है। इन्ही यादों को याद करते हुए हम सभी यादे इस कविता क माध्यम से प्रकट करने का प्रयास क्र रहे है। जरा गौर से समझियेगा और ध्यान दीजियेगा , क्या पता आपको भी इसको अपने बीते हुए बचपन की याद आ जाये। तो कविता म कवि ईश्वर से अपना बचपन वापिस मांगने की कोशिश कर रहा है।हे ईश्वर मेरे पुराने घर की महक लाके दे सकते हो क्या?
कभी जो मिलता था एक रुपया।
तो पूरे ब्रह्मांड को खरीदने का मन हो जाता था।
वह एक रुपए का सिक्का लाके दे सकते हो क्या?
हे ईश्वर मेरे पुराने घर की महक लाके दे सकते हो क्या?
बढ़ती हाइट नापने को दीवारों पर पेन्सल से निशान बनाए थे।
वो निशान लाके दे सकते हो क्या?
हे ईश्वर मेरे पुराने घर की महक लाके दे सकते हो क्या?
शाम को पापा के आने पर,
जो खुद ही खुल जाया करती थी,
वो स्कूल की किताबें लाके दे सकते हो क्या?
और आठवीं में रूठे दोस्त को मनाने को अपने हाथों से
कार्ड बनाया था।
वो दोस्त फिर से रूठा है।
वही कार्ड लाके दे सकते हो क्या?
हे ईश्वर मेरे पुराने घर की महक लाके दे सकते हो क्या?
घर की जो बंद आँखों से भी कूद जाया करता था,
वो टांगे लाके दे सकते हो क्या?
और एक बुधवार बस यूँही स्कूल की छुट्टी हो गई थी।
वो बुधवार की यही वाली छुट्टी लाके दे सकते हो क्या?
हे ईश्वर मेरे पुराने घर की महक लाके दे सकते हो क्या?
घनघोर बारिश में भीगते हुए क्या मस्त नाचा था छत पर मैं एक बार।
वो मेरे छत वाली बारिश लाके दे सकते हो क्या?
और कभी TV के सामने कभी बरामदे में।
तो कभी यूँही खाते खाते नींद लग जाया करती थी।
हे ईश्वर,
वो चैन वाली नींद लाके दे सकते हो क्या?
चलो ये सब तुम नहीं दे पाओगे।
तो फिर ये दे देना कम से कम।
India को हारता देख टूटते तारे से।
अपने देश की जीत मांगी थी।
हे ईश्वर फिर से वह बचपन वाला यकीन लाके दे सकते हो क्या?
हे ईश्वर मेरे पुराने घर की महक लाके दे सकते हो क्या?
Poem on “Fragrance of my Old Home”
Hey God, can you bring back the fragrance of my old home?
There was a time when even finding a single rupee made me feel like I could buy the whole universe.
Can you bring back a coin worth one rupee?
Hey God, can you bring back the fragrance of my old home?
We used to mark the increasing height on the walls with a pencil.
Can you bring back those marks?
Hey God, can you bring back the fragrance of my old home?
In the evening, when dad came home,
and the school books would open themselves,
Can you bring back those books?
And in eighth grade, I made a handmade card to convince a friend who was upset.
That friend is upset again.
Can you bring back that same card?
Hey God, can you bring back the fragrance of my old home?
Can you bring back the times when legs used to jump even with closed eyes from the excitement?
And once, I danced joyfully in heavy rain on the rooftop.
Can you bring back that rain from my rooftop?
And sometimes in front of the TV, sometimes in the balcony.
Sometimes I would fall asleep while eating.
Hey God, can you bring back peaceful sleep?
Okay, maybe you can’t bring back all of this.
But then at least bring back a little.
Seeing India lose, stars used to fall from the sky.
I prayed for my country’s victory.
Hey God, can you bring back that childhood faith?
Hey God, can you bring back the fragrance of my old home?
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